रेचक पूरक एक प्रकार की श्वास प्रक्रिया है, जो प्राणायाम के तहत आती है। इसे दो भागों में बांटा जा सकता है:
1. रेचक (Rechak): इसका मतलब है श्वास को बाहर निकालना। जब हम धीरे-धीरे और पूर्ण रूप से श्वास को बाहर निकालते हैं, तो इसे रेचक कहते हैं। रेचक के दौरान फेफड़ों से श्वास को पूरी तरह से खाली किया जाता है।
2. पूरक (Poorak): इसका मतलब है श्वास को अंदर लेना। जब हम धीरे-धीरे और गहराई से श्वास लेते हैं, तो इसे पूरक कहते हैं। पूरक के दौरान फेफड़ों को पूरी तरह से श्वास से भर दिया जाता है।
रेचक
और पूरक प्राणायाम के प्रमुख हिस्से हैं और इन्हें विभिन्न प्रकार के योग
प्राणायाम में शामिल किया जाता है, जैसे अनुलोम-विलोम,
भस्त्रिका, और नाड़ी शोधन प्राणायाम। ये श्वास
प्रक्रियाएं शरीर को शुद्ध करने, मन को शांत करने, और ऊर्जा का संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं।