बी. के. सियंगर (बीकेएस आयंगर) की जीवनी



पूरा नाम: बेल्लूर कृष्णमाचार सुंदरराजा आयंगर 

जन्म: 14 दिसंबर 1918, बेल्लूर, कर्नाटक, भारत 

निधन: 20 अगस्त 2014, पुणे, महाराष्ट्र, भारत 


बी. के. सियंगर योग के एक प्रमुख भारतीय गुरु और "आयंगर योग" के संस्थापक थे। वे अपने अनुशासन, समर्पण और योग की सरल व्याख्या के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जीवन योग को समर्पित था, और उन्होंने इसे विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

प्रारंभिक जीवन 

सियंगर का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। बचपन में उनका स्वास्थ्य काफी खराब रहता था। 5 वर्ष की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया। उन्हें बचपन में मलेरिया, टायफॉइड और टीबी जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ा। 


उनकी बहन के पति और प्रसिद्ध योगी तिरुमलाई कृष्णमाचार्य ने उन्हें योग के माध्यम से स्वास्थ्य में सुधार लाने की सलाह दी। उन्होंने 15 साल की उम्र में योग सीखना शुरू किया और अपनी बीमारी पर काबू पा लिया।

योग यात्रा 

सियंगर ने अपने जीवन को योग के अध्ययन और अभ्यास के लिए समर्पित कर दिया। 1937 में वे पुणे चले गए और वहां योग का प्रशिक्षण देना शुरू किया। उन्होंने योग को केवल शारीरिक अभ्यास तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे एक संपूर्ण जीवनशैली और आत्मिक साधना के रूप में प्रस्तुत किया। 

आयंगर योग 

उन्होंने एक विशेष योग शैली विकसित की जिसे "आयंगर योग" के नाम से जाना जाता है। यह शैली आसनों (योग मुद्राओं) और प्राणायाम (श्वास तकनीकों) पर आधारित है। आयंगर योग में सही मुद्रा और शरीर को सहारा देने के लिए प्रॉप्स (जैसे ब्लॉक, बेल्ट आदि) का उपयोग किया जाता है। 

उपलब्धियां 

पुस्तकें: बी. के. सियंगर ने योग पर कई प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं, जिनमें "लाइट ऑन योग," "लाइट ऑन प्राणायाम," और "लाइट ऑन लाइफ" शामिल हैं। 

- अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि: उन्होंने भारत और विदेशों में लाखों लोगों को योग सिखाया। उनकी शिक्षाओं ने योग को पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय बना दिया। 

-पुरस्कार: उन्हें 2002 में पद्मश्री, 2014 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 

निजी जीवन 

उन्होंने योग का अभ्यास जीवनभर जारी रखा। उनकी साधना और शिक्षाएं कई योग साधकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। उनके बच्चे और पोते-पोतियां भी योग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। 

निधन 

20 अगस्त 2014 को बी. के. सियंगर का पुणे में 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 

उनकी शिक्षाएं और योग शैली आज भी लाखों लोगों के जीवन को बदल रही हैं और उन्हें एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। 


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