Doordarshan
Siddhi Kya Hoti Hai और इससे क्या क्या किया
जा सकता है
यह एक ध्यान मुद्रा के द्वारा किया गया फल है इसे
हम ध्यान से ही प् सकते है अगर कोई सोचे की हम एक लाख मंत्र को जाप कर ले तो वह
शायद ये सिद्धि न मिले दूरदर्शन सिद्धि करने से आपमें होने वाले बदलाव
- आपका मन शांत रहेगा
- आपकी सोचने की छमता बढ़ जाएगी
- आपके कोन क्या बोने वाला है वह आपको समझ आ जायेगा
- दूर बैठे व्यकी के बारे में बड़े ही आसानी से जान जायेंगे की वह इस समय क्या कर रहा है यानि आप किसी को भी लाइव देख सकते की छमता आ जाती है
दूरदर्शन
सिद्धि को किया कैसे जाता है
Doordarshan Siddhi को करने के लिए आपको रोजाना ध्यान करना होगा
एक महीने तक ताकि आपका मन शांत हो सके जब आप एसा करते है जैसे की आप निचे देख रहे
है
फिर आपको जेसा निचे दिखाई दे रहा है ठीक वेसा ही
आपको एक चक्र बना लेना है इस चक्र में आपको एक धीमे चलनी वाली मोटर जो AC करेंट से
चलती है जो फंखे को स्विंग करती रहती है वही मोटर की जो आप निचे देख रहे है आप आप
चक्र को एक प्लाई में चिपका लेना है और कुछ जुगाड़ कर के आपको उस मोटर के साथ सेट
कर देना है ताकि जब आप मोटर चलये तो धीरे धीरे धुमना चालू कर दे
चित्र :
जब आप यह चक्र चलाएंगे तो आपको उस चक्र में ध्यान लगाना
चालू करना है एक महीने के ध्यान तो आपने किया ही है इसलिए आपको किसी भी प्रकार की
कोई समस्या नहीं आएगी जब आप चक्र में ध्यान लगायेंगे तोतो आपको साथ कुछ इस तरह की
घटना घटेगी
आप ध्यान के लिए जैसे ही बैठेंगे कम से कम तीन मिनट के अन्दर ही आपकी आँखे बंद हो जाएगी मतलब आखे भारी होने पर और जैसे ही आँखे बंद होंगी तो तुम्हे बोहोत सरे कीड़े दिखाई देंगे और एकदम से प्रकाश फूट उठेगा वह प्रकाश तुम्हारे मन का होगा और उस वक्त तुम किसी को यद् करोगे तो तुम्हे वह दिखाई देगा
यह एक छडिक के लिए होगा लेकिन जिसे भी तुमने यद् किया है वही तुम्हे ऐसा
तुम्हारे साथ सिर्फ दो बार ही होगा क्योकि मेरे साथ भी दो बार ही हुआ था और दोनों
बार ही आप अलग अलग लोगो को यद् कर सकते है वो लोग भी दिखाई देंगे
बस आपको किसी को भी मरे हुए व्यक्ति को यद् नहीं करना है उस टाइम पर आपका मन विचलित हो सकता है ऐसा नहीं है की वह दिखाई देगा बाकि कुछ उल्टा हो सकता है लेकिन जब आप तीसरी बार ऐसा करोगे तो ऐसा कुछ भी नहीं होने वाल है शुरू शुरू में आपको पाच मिनट से स्टार्ट करना है फिर आपको अपनी टाइमिंग बढ़ाते जाना है
जितना ज्यादा टाइम देंगे उतना ही आपके लिए ठीक रहेगा जब आपको चार
घंटे होने लगेगा तो आपमें बोहोत से अहसास होने चालू हो जायेगे की आपको आगे करना
क्या इस चक्र को इतना प्रक्टिस कर लो ताकि तुम्हे इस चक्र की सहायता न लेनी पड़े और
तुम बगेर इस चक्र के उस ध्यान में प्रवेश कर जाओ इतना ज्यादा प्रक्टिस करना है फिर
देखना
ध्यान लगाने के लिए तुम्हे दिसिप्लिंकी जरुरत है नाकि किसी गुरु की क्योकि आज के टाइम पर गुरु बन्ने के लिए कोई भी तैयार हो जाता है और फिर गलत फायदा भी उठता है इसलिए इन मामले में थोडा सतर्क रहे
मेरा अनुभव -:
जब मेने 2006 में इस विद्या को सीखन चालू किया था तो मुझे मेरे माथे में दर्द चालू हो गया था जिस तरह आप जिम जाते है और वहा कसरत करते है तो आपके सरीर में दर्द रहता है ठीक उसी तरह मतलब उसे में दर्द नहीं कहूँगा उसे कहना चाहूँगा माथे में चुम्बक बनना कुछ इस तरह फील होता था
और मुझेकोई भी बताने
वाला भी नहीं था तो कभी में तारे के साथ त्राटक चालू करता तो कभी चाँद के साथ किसी
एक पर टिकता नहीं था पर मुझे अनुभव सभी का हुआ मेने अपने आपको दो साल दिए कई चीजे
अर्जित भी किया उसे में आपको अगले चेप्टर में बताता हु